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राष्ट्रीय आयुष अभियान महाराष्ट्र व ब्रह्माकुमारीज् यांच्यातफे मानसिक स्वास्थ्य आणि राजयोग कार्यशाळा
तुमसर (दि. 20 ) राष्ट्रीय आयुष अभियान महाराष्ट्र आणिब्रह्माकुमारीज् वैद्यकिय प्रभागामार्फत मानसिक स्वास्थ्य आणि राजयोग ध्यानाभ्यास कार्यशाळेत उपस्थितांनी मेडिटेशनद्वारे गहनशांतीचा अनुभव करुन दैनंदिन जीवनातील धावपळीपासून काही क्षण का असेना तणावमुक्तिचा अनुभव घेतला. राष्ट्रीय आयुष अभियान अंतर्गत मेडिटेशन वर्कशॉप फॉर हेल्थ केअर प्रोव्हायडर्स या उपक्रमातर्गत शासकीय अधिकारी व कर्मचायांसाठी मानसिक स्वास्थ्य व राजयोग मेडिटेशन या कार्यशाळेचे आयोजन करण्यात आले आहे.
या उपक्रमांतर्गत आरोग्य अधिकारी व कर्मचायांचे मानसिक बळ वाढविणे हे प्रमुख उद्देश होता.त्याअनुषंगाने महाराष्ट्र राज्यातील सर्व तालुक्यात ब्रह्माकुमारीज् वैद्यकिय प्रभाग, महाराष्ट्र यांच्या सहकार्याने कार्यशाळेचे आयोजन केले गेले. त्याचच एक भाग म्हणून स्थानिक ब्रह्माकुमारीज् सेवाकेंद्र आणि शासनाच्या वैद्यकिय विभागामार्फत सदरहू कार्यशाळेचे आयोजन करण्यात आले होते. जगात विविध क्षेत्रात चाललेली गळेकापू स्पर्धा, एकमेकांशी अनावश्यक होणारी तुलना, कुरघोडी, चढाओढ यामुळे निर्माण होणारी नकारात्मक ही मानसिक स्वास्थ्यासाठी अत्यंत घातक असुन सुदृढ मानसिक स्वास्थ्याची गुरूकिल्ली राजयोग ध्यानाभ्यास होय. आजच्या
गतीमान आणि धावपळीच्या, स्पर्धेच्या जीवनात ताण-तणाव व मानसिक समस्यां भेडसावित असतांना प्रत्येकास मानसिक स्वास्थ्य असणे अत्यंत गरजेचे आहे. अशा परिस्थितीत मेडिटेशन, धानाभ्यास हे मानसिक स्वास्थ्यासाठी महत्वाचे ठरणारे आहेत असा सूर राष्ट्रीय आयुष अभियान महाराष्ट्र आणि ब्रह्माकुमारीज् वैद्यकिय प्रभागामार्फत मानसिक स्वास्थ्य आणि राजयोग ध्यानाभ्यास कार्यशाळेत उपस्थितांनी काढला.
ब्रह्माकुमारी प्रतिभा दीदी यांनी आपल्या अभ्यासपूर्ण सादरीकरणाने मेडिटेशनद्वारे गहनशांतीचा अनुभव करुन दिला.
ज्यायोगे दैनंदिन जीवनातीलधावपळीपासून काही क्षण का असेना तणावमुक्तिचा अनुभव घेतला. प्रशिक्षणामुळे आपण देत असलेल्या सेवेत अधिक निपुणता येते आणि अधिक चांगल्या प्रकारे आरोग्य सेवा जनतेस दिली जाऊ शकते या उद्देशाने आरोग्यसेवेत असणाया आपल्या अधिकारी आणि कर्मचायांना शारीरिक स्वास्थ्या बरोबर मानसिक स्वास्थ्याचे प्रशिक्षण मिळावे आणि मानसिक स्वास्थ्याचे त्यांनी प्रबोधन करावे या उद्देशाने कार्यशाळेत प्रशिक्षण देण्यात आले. कार्यशाळेसाठी तालुक्यातील प्राथमिक आरोग्य केंद्राचे वैद्यकिय अधिकारी व कर्मचारी, ग्रामीण तसेच उपजिल्हा रूग्णालयातील वैद्यकिय अधिकारी, आरोग्य कर्मचारी तसेच अन्य शासकीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित होते. कार्यक्रमासाठी तालुका आरोग्य अधिकारी, जिल्हा आयुष अधिकारी, सहा. आयुष अधिकारी, ब्रह्माकुमारीज् वैद्यकिय प्रभागाचे पदाधिकारी यांनी सहकार्यकेले. डॉ. उमेश तागडे, सहा. संचालक (आयुष), राष्ट्रीय आरोग्य अभियान मुंबई आणि ब्रह्माकुमारीज् वैद्यकिय प्रभागाचे डॉ. सचिन परब, मुंबई यांचे सदरहू कार्यशाळेस प्रमुख मार्गदर्शन लाभले.
व्यासपीठावर ब्र.कु शक्ति दीदी ब्रह्माकुमारी प्रतिभा दीदी ,डॉ महबुब कुरैशी (तालुका आरोग्य अधिकारी ) रोशनिताई नारनवरे (पंचायत समिती सभापति ) डॉ शान्तिदास लुंगे (आरोग्य अधिकारी ) डॉ राहंगडाले देव्हडी ,चेतना डोये ,मीरा भट (समाज सेविका )होत्या.
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” स्वर्णिम भारत का आधार शाश्वत जैविक योगिक खेती”
स्वर्णिम भारत का आधार शाश्वत जैविक योगिक खेती विषय पर सम्मेलन – (तुमसर ) -कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किसानों के सशक्तिकरण हेतु तुमसर तालुका के सिहोरा गांव में स्वर्णिम भारत का आधार शाश्वत जैविक योगिक खेती विषय पर कार्यक्रम किया गया| जिसमें सेवा केंद्र संचालिका ब्र. कु. शक्ति दीदी ने सभी का स्वागत किया साथ ही एक सुंदर नाटक के द्वारा सशक्त किसान की भूमिका को दर्शाया|
कामठी सेवा केंद्र संचालिका ब्र. कु. प्रेमलता दीदी ने ग्राम विकास विभाग की जानकारी दी और कार्यक्रम की प्रस्तावना देते हुए कहा कि आज के समय में किसानों के जागृति हेतु सरकार विभिन्न योजनाएं बना रही है ब्रह्मा कुमारीज विद्यालय द्वारा किसानों के मनोबल बढ़ाने का कार्य, जीवन में सद्गुणों को लाने का कार्य यह विद्यालय कर रहा है। शुभ संकल्पों के द्वारा एक अच्छे समाज का निर्माण तो व्यक्ति कर सकता है साथ ही शुद्ध, सकारात्मक प्रकरणों द्वारा अपने खेती को भी सुजलाम सुफलाम कर सकता है और इस प्रकार की खेती हजारों भाई बहने कर रहे हैं जिसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं ।कई यूनिवर्सिटी में यह अनुसंधान का कार्य चल रहा है ।
मुख्य वक्ता के रूप में कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग के सदस्य गोंदिया से आए ब्रह्मा कुमार महेंद्र भाई ठाकुर ने कहा कि किसान अन्नदाता हैं। किसान भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है । परंतु आज आधुनिकता की चकाचौंध के कारण वह परेशान हैं । रासायनिक दवाओं तथा कीटनाशकों का अत्याधिक उपयोग यह हमारे खेती को बंजर करता जा रहा है और प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है । आज जरूरत है कि हम प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करें। जैसे – गोबर ,गोमूत्र ,पेड़-पौधों-पत्तों द्वारा निर्मित कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें तो जरूर हम कम लागत में उत्तम खेती कर सकते हैं साथ ही व्यक्ति जब सकारात्मक चिंतन करता है , शुध्द अन्न का स्वीकार करता है , व्यसनो से दूर रहता है तो अपनी खेती को सुचारू रूप से सकारात्मक ऊर्जा दे सकता है ।
भ्राता धनेंद्र तुरकर (सभापती- शिक्षण विभाग जिला परिषद् , भंडारा) ने कहा कि आज मैं इस प्रकार के आयोजन का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं और इस प्रकार से खेती करने से जरूर हम पर्यावरण की ,धरती माता की रक्षा कर सकते हैं तो मैं भी संकल्प करता हूं कि आज से 2 एकड़ खेती पूरे रीती से योगिक करूंगा और किसानों में जागृति लाने में मदद भी करूंगा। कार्यक्रम में गांव गांव से अनेक लोग पहुंचे थे जैविक योगिक खेती की थीम पर शोभायात्रा भी निकाली गई तथा कार्यक्रम में आदर्श गांव का मॉडल एक छोटे बच्चे ने तैयार किया। साथ ही योगिक खेती द्वारा उत्पादित फल और सब्जियों का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में ब्रम्हाकुमारी बहनों द्वारा इस प्रकार की खेती करने के लिए प्रतिज्ञाएं भी कराई गई ।आभार विधि ब्र.कु.प्रतिभा बहन ने किया ।
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